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नवंबर, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पंजाब पुलिस अकादमी

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ये दीवार-ओ-दर-याद आएंगें, ये जमीं ये शजर याद आएंगें। वो तरतीब औ तालीम औ तहजीब जो सीखी हर्फ बा हर्फ शाम-ओ-सहर याद आएंगें। इश्क करना था सुना इंसा का शगल है, प्यार में झूमते ये जानवर याद आएगें। मुस्तफा औ रकीब औ सरपरस्त, भूल जाएं भी मगर याद आएंगें। कुछ पलों का साथ देकर जो चले, उम्र भर वो रहगुजर याद आयेंगें !!