कुम्भ प्रीमिअर लीग
कुम्भ पीमीयर लीग स्टेडियम खचाखच भरा था। पैवेलियन हर की पौड़ी पर ही कई नामचीन (नाम जापान और नाम पाकिस्तान भी ) हस्तियॉ मौजूद थी। अजीब सा मैच था आज। कहने को तो कई टीमें थी। जो वैचारिक ,अहसासी और कागजी रुप से तो एक बड़ी टीम का हिस्सा थी. लेकिन मैच शुरु होते ही लगने लगा कि सभी भारतीय खेल शैली के क्लासीकल अंदाज अर्थात डिफेन्सिव फार्म में खेलते हुए एक दूसरे की तरफ गेंद पास करने में लग गई । ये के0पी0एल0 (कुम्भ पीमीयर लीग) का एक महत्वपूर्ण मैच था जो 13-32 के फार्मेंट में खेला जा रहा था। पहला झटका रात को ही लग गया। गौरतलब है कि मैच नाइट -डे-नाइट-डे- नाइट -डे था। मायापुर मिस्टीरियर्स और हरिद्वार हूटर्स एक दूसरे को मिलने वाले पासों से परेशान थे। गेंद कहीं से भी आ जा रही थी। मैदान के आजू बाजू लगी बांउड्रीवाल की स्टिकें (खपच्चियॉ) गेंद रोकने में असमर्थ थीं। वैसे हरिद्वार हूर्टस को एक बडी परेशानी ड्रिंक्स ट्राली से भी थी, जो हूर्टस के कथनानुसार और जिसके प्रमाण रूप में वेा की गयी रिर्काडिंग से डेर्फड लाईव प्रसारण कर सकने की बात कह रहे थे, लगभग दो सौ बार मैदान में आई और न चाहते हुए भी खिलाडियों को दो स