समर्पण

नया कुछ अजब सा लिखूं
कही कुछ गजब सा लिखूं
दिल में समाए बस उतना लिखूं
सिमटे न मुझसे मै क्या क्या लिखूं
तुम्हारे लिए बस तुम्हारे लिए...

तुम्हे दिल का पैगाम दूँ
नया कुछ तुम्हे नाम दूँ
कहानी पुरानी जनम से हमारे
उसे एक अंजाम दूँ
तुम्हारे लिए बस तुम्हारे लिए ....

आओ नई एक दुनिया सजाए
खडा हो जहाँ प्यार पलकें बिछाए
छिटकी महक हो हँसी की खुशी की
आँखे जहाँ मेरी प्यारे सपने सजाएं
तुम्हारे लिए बस तुम्हारे लिए ....

दिल में दबा लो ये जज्बात सारे
मेरे मन को छू लो बस मन से तुम्हारे
तुम्हे दू जमी के ये रोशन नजारे
ला दू फलक से चमकते सितारे
तुम्हारे लिए बस तुम्हारे लिए ....

टिप्पणियाँ

  1. तमाम उम्र तुझे ज़िन्दगी का प्यार मिले,
    खुदा करे ये ख़ुशी, तुझको बार बार मिले,
    मेरी दुआ है बिछे फूल तेरी राहों में
    कटे हयात तेरी राहतो की चाहो में,
    सदा जिए ये अदा तेरे मुस्कुराने की,
    समेट ले तेरा दिल हर ख़ुशी ज़माने की,
    कदम कदम पे मौसमे बहार मिले,
    किसी को जो न मिला वो तुझे करार मिले.
    नए ब्लॉग की ढेरो शुभकामनाये .......,ये आपकी रचनात्मकता में मील का पत्थर साबित हो
    - रुचिता

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  2. दिल में दबा लो ये जज्बात सारे
    मेरे मन को छू लो बस मन से तुम्हारे
    तुम्हे दू जमी के ये रोशन नजारे
    ला दू फलक से चमकते सितारे
    तुम्हारे लिए बस तुम्हारे लिए ....
    nice poem......

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  3. very good lines! thanx! for sharing and keep the good work! cheers!

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  4. VERY GOOD LINES!! THANX! FOR SHARING YOUR THOUGHTS AND KEEP THE GOOD WORK!! CHEERS!!

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