धारा ३७७

एक विज्ञापन -
सुन्दर, सुशील, गृहकार्य दक्ष बालक हेतु सरकारी सेवारत सजातीय वर चाहिए ...
एक वार्तालाप -
पापा , पापा कह रहे हैं आफिस से आते वक्त बाज़ार से चूड़ियाँ ले आना ...
एक त्यौहार -
भाई - भैया इस बार रक्षाबंधन पर क्या गिफ्ट लोगे ?...
एक पहेली -
बताओ तो तुम्हारे पप्पू चाचा के पत्नी तुम्हारे क्या लगे ?
उत्तर - चीचा , चाचा , चोचो ??....
एक फिल्म -
पत्नी पत्नी और वो ...
एक गाना -
राजा को राजा से प्यार हो गया ....
ये कैसा सामाजिक बदलाव है ...अपसंस्कृति , मानवाधिकार , फ्रीडम आफ च्वाइस , या मात्र विचारों का संक्रमण काल जो व्यवहार के स्तर पर उतर चुका है !!

टिप्पणियाँ

  1. सामाजिक बदलाव के विपरीत ये ऊबे हुए,अघाए हुए लोगों द्वारा फैशन के नए ट्रेंड के रूप में इसे स्थापित करने का प्रयास है. इसे बहस में शामिल करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है. इसे ' प्रकारांतर से अलग होना ' कह कर प्रचारित करवाया जा रहा है.
    कविता के ज़रिये आपने हलकी सी चुटकी के साथ बड़ा इशारा किया है.

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  2. संजय भाई अपनी समीक्षा के साथ हाजिर हैं मैं तो बस इतना कहूँगा कि लाजवाब है

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  3. ram chandra keh gaye siya se,
    ek din aisa ayega,
    BALAK k kaano main BALAK,
    I LOVE YOU keh jayega.

    ro ro kar jab chhota bachcha,
    maa.....maa.....chillayega,
    use pakadne daud daud kar,
    kewal BAAP hi ayega.

    जवाब देंहटाएं

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